

Bihar Board Class 10 Hindi Notes Chapter 3: Chapter 3 titled as “भारत से हम क्या सीखें” is written by a renowned scholar फ्रेडरिक मैक्समूलर. This chapter highlights India’s cultural richness, linguistic heritage, and spiritual depth through the lens of a foreign thinker who devoted his life to Indian studies. Max Müller admired Indian traditions, especially Sanskrit and the Vedic texts, and through this chapter, students get a perspective on India’s intellectual legacy.
It encourages students to value their own culture and language, drawing comparisons between India and the West. PW notes are created to help students understand the key messages of the lesson, prepare for exams, and understand important points through simple explanation.
Bihar Board Class 10 Hindi Syllabus
Hindi literature in the Bihar Board syllabus aims to connect students with India's deep-rooted philosophies and cultural ideals. This chapter reflects how even foreign scholars acknowledged India's contribution to global knowledge.
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PW Hindi Notes for Bihar Board Class 10 Hindi Chapter 3 ‘भारत से हम क्या सीखें’ provide a simplified explanation of the chapter in clear and concise language. These notes cover the main message, important points, and key questions to help students prepare effectively for exams. Here are PW Bihar Board Class 10 Hindi Handwritten Notes for Chapter 3 ‘भारत से हम क्या सीखें’:
लेखक परिचय जन्म: 6 दिसंबर, 1823 ईo (जर्मनी के डेसाऊ नामक नगर में)
मृत्यु: 28 अक्टूबर, 1900 ईo
पिता: हिनरिख मूलर
माता: एलुइसे मूलर
मैक्समूलर जब चार वर्ष के हुए, तो इनके पिता की मृत्यु हो गई। पिता के निधन के बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय हो गई, फिर भी मैक्समूलर की शिक्षा बाधित नहीं हुई। बचपन से ही वे संगीत के अतिरिक्त ग्रीक और लैटिन भाषा में निपुण हो गये थे तथा लैटिन में कविताएँ भी लिखने लगे थे। 18 वर्ष की उम्र में लिपजिंग विश्वविद्यालय में उन्होंने संस्कृत का अध्ययन आरंभकर दिया।
साहित्यिक रचनाएँ 1841 ई. में उन्होंने हितोपदेश' का जर्मन भाषा में अनुवाद प्रकाशित करवाया। 'कठ' और 'केन' आदि उपन्यासों का भी जर्मन भाषा में अनुवाद प्रस्तुत किया। 'मेघदूत' महाकाव्य का भी जर्मन पच में अनुवाद प्रस्तुत किया।
यह लेख "भारत से हम क्या सीखें" नामक एक भाषण का अंश है, जो फ्रेड्रिक मेक्समूलर ने कुछ अंग्रेज युवाओं को दिया था जो भारतीय सिविल सेवा के लिए चुने गए थे। मेक्समूलर ने भारत की महानता, इसकी संस्कृति, विज्ञान, ज्ञान, भाषा, कला और इतिहास के बारे में गहराई से अध्ययन किया और इसे पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।
वे कहते हैं कि अगर दुनिया में कोई देश है जो पूरी तरह से सुंदर, समृद्ध और ज्ञान से भरपूर है, तो वह भारत है। भारत को देखकर ऐसा लगता है जैसे धरती पर ही स्वर्ग उतर आया हो। वे कहते हैं कि अगर यूटोप के लोगों को अपने जीवन को और अधिक मानवीय और समग्र बनाना है, तो उन्हें भारत के साहित्य और ज्ञान का अध्ययन करना चाहिए।
मैक्समूलर यह भी बताते हैं कि भारत हर क्षेत्र में अद्वितीय है। चाहे भूगोल, वनस्पति जीव-जंतु, नृविज्ञान (मानव जातियों का अध्ययन), पुरातत्व, सिक्के, नीति कथाएँ या कानून हो-भारत में इन सभी के लिए ढेरों अध्ययन और शोध के अवसर है।
वे उदाहरण देते हैं कि कैसे भारत में पुराने सिक्के, बौद्ध विश्वविद्यालयों के अवशेष, पौराणिक कथाएँ और नीति कथाएँ आज भी शोधकर्ताओं को आकर्षित करती हैं। भारत की पंचायत व्यवस्था को देखकर कोई भी पुरातन कानून व्यवस्था का अध्ययन कर सकता है। भारत न सिर्फ हिन्दू धर्म और बौद्ध धर्म की भूमि है, बल्कि यह पारसी धर्म की भी शरणस्थली है।
संस्कृत भाषा की प्राचीनता पर भी उन्होंने टोशनी डाली। वे बताते हैं कि संस्कृत, यूनानी और लेटिन जैसी भाषाओं से भी पुरानी है, और इसकी जड़ें आज की कई भाषाओं में मिलती हैं।
इस हिस्से में मैक्समूलर यह समझा रहे हैं कि संस्कृत भाषा कितनी शुद्ध, पुरानी और महान है। वे कहते हैं कि जैसे भाव "मैं हूँ" को संस्कृत में "अस्मि" शब्द से व्यक्त किया जाता है. वेसे स्पष्ट, सुंदर और सटीक शब्द और किसी भाषा नहीं मिलते। उनके अनुसार, यह केवल एक भाषा नहीं बल्कि एक ऐसा इतिहास है जिसे जानना बाकी कई राजनीतिक घटनाओं या युद्धों से ज़्यादा महत्वपूर्ण और पढ़ने लायक है।
वह कहते हैं कि जब हम एक ही भाषा बोलते हैं तो उससे एक तरह की गहरी एकता महसूस होती है जैसे किसी गाँव का एक ही दूध पीना। संस्कृत भी ऐसी ही एक भाषा है जो ग्रीक, लैटिन और पुरानी यूटरोपीय भाषाओं से गहटाई से जुड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि अगर हम केवल संस्कृत और भारतीय साहित्य का ही अध्ययन करें, तो भी वह हमें बहुत कुछ सिखा सकता है जितना दूसरी भाषाएं शायद ही सिखा पाएं।
संस्कृत का साहित्य बहुत लंबा और विस्तृत है लगभग तीन हज़ार सालों में फैला हुआ। ग्रीक और टोमन साहित्य भी इसके सामने छोटा पड़ता है। भारत में जो प्राचीन भाषा बोली जाती थी, वह ग्रीक, लैटिन, जर्मन और रूसी जेसी भाषाओं से बहुत मिलती-जुलती थी। जब उनके शिक्षकों ने कक्षा में यह सब उदाहरण देकर बताया, तो पहले तो सभी को लगा मज़ाक हो रहा है, लेकिन जब उन्होंने प्रमाण दिए तो सब चकित रह गए।
मैक्समूलर कहते हैं कि असल में हम सबका मूल कहीं न कहीं पूर्व से, यानी भारत से जुड़ा हुआ है। हमारे जीवन की जो भी सबसे मूल्यवान बातें हैं जैसे ज्ञान, भाषा, दर्शन वे हमें भारत जैसे प्राचीन स्रोतों से ही मिली हैं। और अगर कोई व्यक्ति इतिहास को ठीक से समझे, तो वह यह महसूस करेगा कि जैसे वह अपने पुटाने, यादों से भरे घट की ओट लोट रहा हो।
आगे वह सर विलियम जोन्स का उदाहरण देते हैं, जो एक अंग्रेज विद्वान थे और भारत आने के सपने देखा करते थे। जब वे भारत आए, तो उन्होंने यहाँ के साहित्य, धर्म और इतिहास में बहुत बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की। मैक्समूलर यह कहना चाहते हैं कि आज भी अगर कोई चाहें तो भारत आकर ऐसे ही सुनहरे कार्य कर सकते हैं। भारत अब भी वैसे ही अवसरों से भरा हुआ है, जैसे सौ साल पहले था। सिर्फ ज़रूरत है उस जुनून, उस स्वप्नदृष्टि की, जो सपनों को सच बना सके।
अंत में वह प्रेरित करते हैं कि भारत एक ऐसी भूमि है जो आज भी सपने देखने वालों को बुला रही है और अगर आप चाहें तो यहाँ आकर आप भी कुछ बड़ा कर सकते हैं क्योंकि भारत में जानने, सीखने और करने के लिए आज भी बहुत कुछ बचा है।
फेब्रिक मेक्समूलर का जन्म स्थान कौन-सा था?
(A) आंस्ट्रीयाई
(B) हॉलैंड
(C) डेसाऊ, स्टेट ऑफ एनहाल्ट
(D) लंदनिन
मेक्समूलर ने भारत के किस पहलू को सबसे अधिक सराहा?
(A) व्यापार
(B) जलवायु
(C) ज्ञान, संस्कृति और भाषा
(D) राजनीति
फेब्रिक मेक्समूलर की प्रमुख रूचियाँ/वृत्तियाँ क्या थीं?
(A) गायन
(B) चिकित्सा
(C) जन्मकुण्डली/विधि
(D) धर्म
फेब्रिक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कहां से प्राप्त की थी?
(A) आंस्ट्रीयाई यूनिवर्सिटी
(B) ब्राउन यूनिवर्सिटी और लंदनिन
(C) यूनिवर्सिटी ऑफ लंदनिन
(D) यूनिवर्सिटी ऑफ लईपजिग
मेक्समूलर ने ‘हितोपदेश’ को किस भाषा में अनुवादित किया था?
(A) अंग्रेजी
(B) फ्रेंच
(C) संस्कृत
(D) जर्मन
मेक्समूलर के अनुसार 'आखिरी वक्त' किस भाषा से संबंधित है?
(A) लैटिन
(B) जर्मन
(C) संस्कृत
(D) रोमन
निम्नलिखित में से कौन-सी उपाधियों का जर्मन भाषा में अनुवाद मेक्समूलर ने किया था?
(A) उपनिषद
(B) छांदोग्य और बृहदारण्यक
(C) कट और केन
(D) भारते नाट्य शास्त्र
फेब्रिक मेक्समूलर ने यह भाषण किस उद्देश्य से प्रस्तुत किया था?
(A) भारतीय कृषि को बढ़ावा देने हेतु
(B) यूरोपीय युवाओं को
(C) भारतीय सिविल सेवा हेतु चुने गए अंग्रेज युवाओं को
(D) भारतीय राजनेताओं को
मेक्समूलर ने वेदांत का किस रूप में अनुवाद किया?
(A) कविता
(B) निबंध
(C) नाटक
(D) आलोचनात्मक लेख
मेक्समूलर ने संस्कृत भाषा का अध्ययन कौन-से विश्वविद्यालय में प्रारंभ किया?
(A) लिपजिग विश्वविद्यालय
(B) ब्राउन यूनिवर्सिटी
(C) ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
(D) आंस्ट्रीयाई विश्वविद्यालय
मेक्समूलर को कौन-सा सम्मान प्राप्त हुआ था?
(A) नोबेल पुरस्कार
(B) भारत रत्न
(C) नाइट की उपाधि
(D) पद्मश्री
मेक्समूलर ने उपनिषदों 'कट और केन' का किस भाषा में अनुवाद किया था?
(A) जर्मन
(B) अंग्रेजी
(C) लैटिन
(D) हिंदी
फेब्रिक मेक्समूलर की मृत्यु कब हुई थी?
(A) 6 दिसंबर 1900
(B) 1 नवम्बर 1901
(C) 28 अक्टूबर 1900
(D) 10 अक्टूबर 1900
फेब्रिक मेक्समूलर की मृत्यु कहां हुई थी?
(A) लंदन
(B) ऑक्सफोर्ड
(C) लंदनिन
(D) आंस्ट्रीयाई, इंग्लैंड
फेब्रिक मेक्समूलर ने अनुवाद भारत को देखकर कहा था:
(A) प्राचीन धरती पर ही स्वर्ग उतार आया हो
(B) अंग्रेजों की भूमि
(C) फ्रांस से भी सुंदर देश
(D) एक पिछड़ा हुआ देश
मेक्समूलर को किस अंग्रेज वैज्ञानिक का उदाहरण दिया जिन्होंने भारत के बारे में बहुत कुछ सीखा?
(A) चार्ल्स डार्विन
(B) रॉबर्ट हुक
(C) सर विलियम जोन्स
(D) हर्बर्ट स्पेन्सर
ज्ञान विज्ञान के द्वारा भाषा के सांस्कृतिक अवयव का विश्लेषण किया गया है। उसमें कौन-सी भाषा सबसे अधिक है?
(A) अंग्रेजी
(B) जर्मन
(C) संस्कृत
(D) लैटिन
मेक्समूलर ने ‘हितोपदेश’ का अनुवाद कौन-सी भाषा में किया था?
(A) अंग्रेजी
(B) जर्मन
(C) फ्रेंच
(D) लैटिन
मेक्समूलर कौन-सी भाषा में 'जवाहरातों' की तुलना हीरे-जवाहरात के प्रकार लिखे हैं?
(A) फ्रेंच
(B) अंग्रेजी
(C) जर्मन
(D) लैटिन
(C) डेसाऊ, स्टेट ऑफ एनहाल्ट
(C) ज्ञान, संस्कृति और भाषा
(C) जन्मकुण्डली/विधि
(B) यूनिवर्सिटी ऑफ लईपजिग
(D) जर्मन
(C) संस्कृत
(C) कट और केन
(C) भारतीय सिविल सेवा के लिए चुने गए अंग्रेज युवाओं को
(B) निबंध
(A) लिपजिग विश्वविद्यालय
(C) नाइट की उपाधि
(A) जर्मन
(C) 28 अक्टूबर 1900
(D) आंस्ट्रीयाई, इंग्लैंड
(C) जैसे धरती पर ही स्वर्ग उतार आया हो
(C) सर विलियम जोन्स
(C) संस्कृत
