Physics Wallah

Chapter 8–Hazari Prasad Dwivedi

Share

Share

Chapter 8–Hazari Prasad Dwivedi

NCERT Solutions for Class-9 Hindi (Kshitij)

Find below NCERT solutions of chapter 8 Hazari Prasad Dwivedi, Hindi created by experts of Physics Wallah. You can download solution of all chapters from Physics Wallah NCERT solutions for class 9 Hindi .

1. गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं ओर रहने का मन क्यों बनाया ?

उत्तर:- गुरुदेव ने निम्नलिखित कारणों से शांतिनिकेतन को छोड़कर अन्यत्र रहने का मन बनाया –
1. उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं था ।
2. उन्हें आराम और शांति चाहिए थी, मिलने वाले लोगो की वजह से जो सम्भव नहीं हो रहा था।


2. मूक प्राणी भी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- मूक प्राणी भी कम संवेदनशील नहीं होते हैं, उन्हें भी स्नेह की अनुभूति होती है। पाठ में रविन्द्रनाथ जी के कुत्ते के कुछ प्रसंगों से यह बात स्पष्ट हो जाती है –
1. गुरुदेव के स्पर्श को कुत्ता आँखें बंद करके अनुभव करता है, तब ऐसा लगता है मानों उसके अतृप्त मन को उस स्पर्श ने तृप्ति मिल गई हो।
2. गुरुदेव की मृत्यु के उपरांत कुत्ता अस्थिकलश के पास कुछ देर तक उदास बैठा रहता है। वह भी अन्य लोगों की तरह शोक प्रकट करता है ।

3. गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया ?

उत्तर:- गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक तब समझ पाए जब रविन्द्रनाथ के कहने पर लेखक ने मैना को ध्यानपूर्वक देखा।

4. प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं ? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए।

उत्तर:- लेखक ने अपने भाव और विचारों को कलात्मक एवं लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त किया है। इस विशेषता को निम्नलिखित स्थानों पर देखा जा सकता है –
1. आश्रम के अधिकांश लोग बाहर चले गए, एक दिन हमने सपरिवार उनके ‘दर्शन’ की ठानी।
2. यहाँ दुख के साथ सुख देना चाहता हूँ कि दर्शनार्थियों में कितने ही इतने प्रगल्भ थे कि समय-असमय, स्थान-अस्थान, अवस्था-अनवस्था की एकदम परवा नहीं करते और रोकते रहने पर भी आ ही जाते थे। ऐसे दर्शनार्थियों से गुरुदेव भीत-भीत रहते थे। अस्तु, मैं मय बाल-बच्चों के एक दिन श्री निकेतन जा पहुँचा।
3. उस समय लँगड़ी मैना फुदक रही थी। गुरुदेव ने कहा ”देखते हो, यह यूथभ्रष्ट है। रोज फुदकती है, ठीक यही आकर मुझे इसकी चाल में एक करुण भाव दिखाई देता है।”
4. पक्षियों की भाषा तो मैं नहीं जानता, पर मेरा निश्चित विश्वास है कि उनमेँ कुछ इस तरह कि बातें हो जाया जरती हैं –
पत्नी – ये लोग यहाँ कैसे आ गए जी ?
पति – ऊँह बेचारे आ गए हैं, तो रह जाने दो। क्या कर लेंगे।
पत्नी – लेकिन फिर इनको इतना तो ख्याल होनाचाहिए कि यह हमारा प्राइवेट घर है।
पति – आदमी जो हैं, इतनी अक्ल कहाँ।
5. प्रतिदिन प्रातः काल यह भक्त कुत्ता स्तब्ध होकर आसन के पास तब तक बैठा रहता है, जब तक अपने हाथों के स्पर्श से मैं इसका संग स्वीकार नहीं करता। इतनी सी स्वीकृति पाकर ही उसके अंग-अंग में आनंद का प्रवाह बह उठता है।

5. आशय स्पष्ट कीजिए- इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करूण दृष्टि के भीतर उस विशाल मानव-सत्य को देखा है, जो मनुष्य के अंदर भी नहीं देख पता।

उत्तर:- आशय –
कवि कहते है – गुरुदेव के स्पर्श को कुत्ता आँखें बंद करके अनुभव करता है, तब ऐसा लगता है मानों उसके अतृप्त मन को उस स्पर्श ने तृप्ति मिल गई हो। आज मनुष्य पहले कि अपेक्षा अधिक आत्मकेंद्रित हो गया है। आज मनुष्य, मनुष्य के भाव को नहीं समझ पाता है। ऐसे में कवि ने एक मूक पशु की भावनाओं का अनुभव कर लिया।

6. पशु-पक्षियों से प्रेम इस पाठ की मूल संवेदना है। अपने अनुभव के आधार ऐसे किसी प्रसंग से जुड़ी रोचक घटना को कलात्मक शैली में लिखिए।

उत्तर:- एक गाँव में एक किसान रहता था। उसके पास दो बैल थे। वह अपने बैलों को बच्चों की तरह स्नेह करता था। वह उन्हें अपनी आँखों से दूर नहीं करना चाहता था। उन्हें खाना खिलाकर ही खुद खाता था। एक बार एक बैल बीमार हो गया उसने खाना पीना छोड़ दिया। इस वजह से किसान ने भी खाना -पीना छोड़ दिया। किसान का प्यार देखकर बैल की आँखों से आँसू बहने लगे। इससे पता चलता है कि किसान अपने पशुओं से मानवीय व्यवहार करते हैं। किसान पशुओं को घर के सदस्य की भांति प्रेम करते रहे हैं और पशु अपने स्वामी के लिए जी-जान देने को तैयार रहते हैं।

7. • गुरुदेव ज़रा मुस्करा दिए।
• मैं जब यह कविता पढ़ता हूँ।
ऊपर दिए गए वाक्यों में एक वाक्य में अकर्मक क्रिया है और दूसरे में सकर्मक । इस पाठ को ध्यान से पढ़कर सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार चार वाक्य छाँटिए।


उत्तर:- पाठ से सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार-चार वाक्य –
सकर्मक क्रिया वाले वाक्य –
1. बच्चों से जरा छेड़छाड़ की, कुशल क्षेम पूछे।
2. हम लोग उस कुत्ते के आनंद को देखने लगे।
3. इतनी ही स्वीकृति पाकर ही उसके अंग-अंग में आनंद का प्रवाह बह उठता है।
4. गुरुदेव ने इस भाव की एक कविता लिखी थी।

अकर्मक क्रिया वाले वाक्य –
1. हम लोगों को देखकर मुस्कराए।
2. दूसरी बार मैं सवेरे गुरुदेव के पास उपस्थित था।
3. ऐसे दर्शनार्थियों से गुरुदेव कुछ भीत-भीत से रहते थे।
4. उस समय एक लँगड़ी मैना फुदक रही थी।


8. निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए-
(क) मीना कहानी सुनाती है।
(ख) अभिनव सो रहा है।
(ग) गाय घास खाती है।
(घ) मोहन ने भाई को गेंद दी।
(ड.) लड़कियाँ रोने लगीं।


उत्तर:- (क) सकर्मक क्रिया
(ख) अकर्मक क्रिया
(ग) सकर्मक क्रिया
(घ) सकर्मक क्रिया
(ड.) अकर्मक क्रिया

9. नीचे पाठ में से शब्द-युग्मों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं, जैसे-
समय-असमय, अवस्था-अनवस्था
इन शब्दों में ‘अ’ उपसर्ग लगाकर नया शब्द बनाया गया है।
पाठ में से कुछ शब्द चुनिए और उनमें ‘अ’ एवं ‘अन्‌’ उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए।


उत्तर:- अ‘ उपसर्ग वाले शब्द :-
(1) रोग्य – आरोग्य
(2) हैतुक – अहैतुक
(3) स्थान – अस्थान
(4) सम्भव – अंसभव
(5) परिसीम – अपरिसीम
‘अन्‌‘ उपसर्ग वाले शब्द :-
(1) उपस्थित – अनुपस्थित

Free Learning Resources
Know about Physics Wallah
Physics Wallah is an Indian edtech platform that provides accessible & comprehensive learning experiences to students from Class 6th to postgraduate level. We also provide extensive NCERT solutions, sample paper, NEET, JEE Mains, BITSAT previous year papers & more such resources to students. Physics Wallah also caters to over 3.5 million registered students and over 78 lakh+ Youtube subscribers with 4.8 rating on its app.
We Stand Out because
We provide students with intensive courses with India’s qualified & experienced faculties & mentors. PW strives to make the learning experience comprehensive and accessible for students of all sections of society. We believe in empowering every single student who couldn't dream of a good career in engineering and medical field earlier.
Our Key Focus Areas
Physics Wallah's main focus is to make the learning experience as economical as possible for all students. With our affordable courses like Lakshya, Udaan and Arjuna and many others, we have been able to provide a platform for lakhs of aspirants. From providing Chemistry, Maths, Physics formula to giving e-books of eminent authors like RD Sharma, RS Aggarwal and Lakhmir Singh, PW focuses on every single student's need for preparation.
What Makes Us Different
Physics Wallah strives to develop a comprehensive pedagogical structure for students, where they get a state-of-the-art learning experience with study material and resources. Apart from catering students preparing for JEE Mains and NEET, PW also provides study material for each state board like Uttar Pradesh, Bihar, and others

Copyright © 2025 Physicswallah Limited All rights reserved.