NCERT solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 6 help students understand, practice, and learn the concepts in "रैदास के पद." They offer clear explanations and answers for every question. This resource makes complex poetic ideas easy to grasp. It also helps students prepare for exams effectively.
Raidas Ke Pad Class 9 Question Answers also highlight the key teachings of Sant Raidas, such as equality, devotion, and humility. This allows students to connect deeply with the poem’s message. With simplified interpretations and structured answers, students can revise quickly, strengthen their concepts, and improve their overall performance in Hindi examinations.
These solutions for Raidas Ke Pad Class 9 are important for students. They provide a structured way to understand the profound messages and poetic beauty of Raidas's verses. Practicing these questions and answers will enhance comprehension, improve analytical skills, and build confidence for examinations.
Below are the NCERT solutions for class 9 Hindi Raidas Ke Pad Question Answers:
1. पहले पद में भगवान और भक्त की जिन-जिन चीजों से तुलना की गई है, उनका उल्लेख कीजिए।
उत्तर:- पहले पद में भगवान और भक्त की तुलना चंदन-पानी, घन-वन-मोर, चन्द्र-चकोर, दीपक-बाती, मोती-धागा, सोना-सुहागा आदि से की गई है।
2. पहले पद की प्रत्येक पंक्ति के अंत में तुकांत शब्दों के प्रयोग से नाद-सौंदर्य आ गया है, जैसे – पानी, समानी आदि। इस पद में से अन्य तुकांत शब्द छाँटकरलिखिए।
उत्तर:- तुकांत शब्द – पानी-समानी, मोरा-चकोरा, बाती-राती, धागा-सुहागा, दासा-रैदासा।
3. पहले पद में कुछ शब्द अर्थ की दृष्टि से परस्पर संबद्ध हैं। ऐसे शब्दों को छाँटकर लिखिए –
उदाहरण : दीपक बाती
उत्तर:- दीपक-बाती, मोती-धागा, स्वामी-दासा, चन्द्र-चकोरा, चंदन-पानी।
4. दूसरे पद में कवि ने ‘गरीब निवाजु’ किसे कहा है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- दूसरे पद में ‘गरीब निवाजु’ ईश्वर को कहा गया है। ईश्वर को ‘निवाजु ईश्वर’ कहने का कारण यह है कि वे निम्न जाति के भक्तों को भी समभाव स्थान देते हैं, गरीबों का उद्धार करते हैं,उन्हें सम्मान दिलाते हैं, सबके कष्ट हरते हैं और भवसागर से पार उतारते हैं।
5. दूसरे पद की ‘जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै’ इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- इस पंक्ति का आशय यह है कि गरीब और निम्नवर्ग के लोगों को समाज सम्मान नहीं देता। उनसे दूर रहता है। परन्तु ईश्वर कोई भेदभाव न करके उन पर दया करते हैं, उनकीसहायता करते हैं, उनकी पीड़ा हरते हैं।
6. ‘रैदास’ ने अपने स्वामी को किन-किन नामों से पुकारा है?
उत्तर:- रैदास ने अपने स्वामी को गुसईया, गरीब, निवाजु, लाल, गोबिंद, हरि, प्रभु आदि नामों से पुकारा है।
7. निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए –
मोरा, चंद, बाती, जोति, बरै, राती, छत्रु, धरै, छोति, तुहीं, गुसइआ
उत्तर:-
मोरा – मोर
चंद – चन्द्रमा
बाती – बत्ती
बरै – जले
राती – रात
छत्रु – छत्र
धरै – रखे
छोति – छुआछूत
तुहीं – तुम्हीं
राती – रात
गुसइआ – गौसाई
8. नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए –
1. जाकी अँग-अँग बास समानी
उत्तर:- इस पंक्ति का भाव यह है कि जैसे चंदन के संपर्क में रहने से पानी में उसकी सुगंध फैल जाती है, उसी प्रकार एक भक्त के तन मन में ईश्वर भक्ति की सुगंध व्याप्त हो गई है।
2. जैसे चितवत चंद चकोरा
उत्तर:- इस पंक्ति का भाव यह है कि जैसे चकोर पक्षी सदा अपने चन्द्रमा की ओर ताकता रहता है उसी भाँति मैं (भक्त) भी सदा तुम्हारा प्रेम पाने के लिए तरसता रहता हूँ।
3. जाकी जोति बरै दिन राती
उत्तर:- इस पंक्ति का भाव यह है कि कवि स्वयं को दिए की बाती और ईश्वर को दीपक मानते है। ऐसा दीपक जो दिन-रात जलता रहता है।
4. ऐसी लाल तुझ बिनु कउनु करै
उत्तर:- इस पंक्ति का भाव यह है कि ईश्वर से बढ़कर इस संसार में निम्न लोगों को सम्मान देनेवाला कोई नहीं है। समाज के निम्न वर्ग को उचित सम्मान नहीं दिया जाता है परन्तु ईश्वर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करते हैं। अछूतों को समभाव से देखते हुए उच्च पद पर आसीन करते हैं ।
5. नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै
उत्तर:- इस पंक्ति का भाव यह है कि ईश्वर हर कार्य को करने में समर्थ हैं। वे नीच को भी ऊँचा बना लेता है। उनकी कृपा से निम्न जाति में जन्म लेने के उपरांत भी उच्च जाति जैसा सम्मान मिल जाता है।
9. रैदास के इन पदों का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:-
पहला पद – रैदास के पहले पद का केंद्रीय भाव यह है कि वे उनके प्रभु के अनन्य भक्त हैं। वे अपने ईश्वर से कुछ इस प्रकार से घुलमिल गए हैं कि उन्हें अपने प्रभु से अलग करके देखा ही नहीं जा सकता।
दूसरा पद – रैदास के दूसरे पद का केंद्रीय भाव यह है कि उसके प्रभु सर्वगुण संपन्न, दयालु और समदर्शी हैं। वे निडर है तथा गरीबों के रखवाले हैं। ईश्वर अछूतों के उद्धारक हैं तथा नीच को भी ऊँचा बनाने की क्षमता रखनेवाले सर्वशक्तिमान हैं।
NCERT solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 6 Raidas Ke Pad contains devotional verses written by the renowned saint-poet Sant Raidas, who emphasized equality, spiritual devotion, and freedom from social discrimination. The poems reflect Raidas’s deep faith in God and his belief that true purity comes from inner goodness, not from caste or social status.
The verses highlight that God resides in every heart, and those who surrender with true devotion attain peace and liberation. Raidas criticizes the rigid caste system and expresses that all humans are equal in the eyes of God. He conveys that a pure and compassionate mind is the real measure of a person’s worth.
The pads inspire readers to practice humility, love, devotion, and equality. Through simple language and powerful imagery, the poems encourage a life based on spiritual wisdom rather than material pride. Students learn the values of humanity, kindness, and inner purity through these meaningful verses.