NCERT solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 Geet Ageet help students understand, practice, and learn the concepts covered in the poem. They provide clear, step-by-step answers to all textbook questions. This structured approach simplifies learning complex literary themes.
Geet Ageet Class 9 Question Answers in this chapter are divided based on different aspects of the poem:
प्रश्न-अभ्यास (Questions and Answers): These questions explore themes, character thoughts, and natural descriptions within the poem.
संदर्भ-सहित व्याख्या (Contextual Interpretation): This section focuses on explaining specific lines of the poem with reference to their context and meaning.
वाक्य-विचलन (Sentence Structure Analysis): This part helps students understand variations in sentence construction used in poetry.
Understanding these subtopics is important for a strong grasp of the NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8. The detailed solutions to these questions provide clarity on poetic expression, theme, and language.
Practicing these Geet Ageet Class 9 question answers helps students prepare thoroughly for exams.
Below are the Class 9 Hindi Geet Ageet Question Answers:
1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
a). नदी का किनारों से कुछ कहते हुए बह जाने पर गुलाब क्या सोच रहा है? इससे संबंधित पंक्तियों को लिखिए।
उत्तर:- तट पर गुलाब सोचता
“देते स्वर यदि मुझे विधाता,
अपने पतझर के सपनों का
मैं भी जग को गीत सुनाता”
b). जब शुक गाता है, तो शुकी के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:- शुक जब अपने खुशी को प्रदर्शित करने के लिए गीत गाता है तो उसका स्वर पूरे वन में गूँज उठता है। शुकी का मन भी उस समय गाने के लिए करता है परन्तु वह अपने वात्सल्य के कारण मौन रह जाती है। शुकी के पंख खुशी से फूल उठते हैं और वह इस मौन में भी अत्यधिक प्रसन्न हो उठती है।
c). प्रेमी जब गीत गाता है, तब प्रेमिका की क्या इच्छा होती है?
उत्तर:- प्रेमी जब साँझ के समय गीत गाता है तब उसकी प्रेमिका उसके गीत को सुनने के लिए घर से बाहर निकल पड़ती है और नीम के पेड़ के पीछे छिपकर अपने प्रेमी का मधुर गीत सुनने लगती है। उस समय प्रेमिका की इच्छा होती है कि काश वह भी इस गीत की पंक्ति बन जाती।
d). प्रथम छंद में वर्णित प्रकृति-चित्रण को लिखिए।
उत्तर:- प्रथम छंद में कवि ने प्रकृति का सजीव चित्रण किया है। प्रथम छंद में नदी अपने वेग से बहती मानो किनारों से अपने दुःख को अभिव्यक्त करते बही जा रही है और वही पर तट पर खड़ा गुलाब का पौधा है जो मौन खड़ा है।
e). प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों के सम्बन्ध की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:- प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों का बड़ा गहरा सम्बन्ध है। पशु-पक्षी अपने भोजन और आवास के लिए प्रकृति पर ही निर्भर करते हैं, प्रकृति पर उनका जीवन निर्भर है। उनके सारे क्रिया-कलाप प्रकृति से ही जुड़े हुए होते हैं। प्रकृति की सुंदरता पशु-पक्षियों को भी गाने, गुनगुनाने और चहचहाने के लिए प्रेरित कर देती है।इसी प्रकृति के साथ पशु-पक्षी आपसी सम्बन्धों को आगे ले जाते हुए एक दूसरे के प्रेम में खो जाते हैं।
f). मनुष्य को प्रकृति किस रूप में आंदोलित करती है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:- मनुष्य को प्रकृति अनेक रूपों में आंदोलित करती है। प्रकृति का मोहक रूप उसे गाने के लिए विवश कर देता है। शाम की मोहक अदा प्रेमी को प्रेम-गीत गाने के लिए मजबूर तो प्रेमिका को उसके घर से बाहर निकलने के लिए मजबूर कर देती है।
g). सभी कुछ गीत, अगीत कुछ नहीं होता। कुछ अगीत भी होता है क्या? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- गीत-अगीत का सम्बन्ध मन में उठनेवाले भावों से होता है। जब मन के उमड़नेवाले भावों को स्वर मिल जाते है तो वह गीत बन जाता है और जब भावनाओं को स्वर नहीं मिल पाते वह अगीत कहलाता है। अगीत को भले ही अभिव्यक्ति का अवसर न मिले परन्तु उसके अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता है।अभिव्यक्त न होते हुए भी वह अपने-आप में पूर्ण है इसलिए कवि ने कहा है कि कुछ अगीत भी होता है।
h). ‘गीत-अगीत’ के केन्द्रीय भाव को लिखिए।
उत्तर:- प्रस्तुत कविता का केंद्रीय भाव यह है कि अभिव्यक्त न होनेवाले अगीत का भी अपना ही अलग महत्त्व है। अपने मन के भावों को मन ही मन व्यक्त करना भी कम सुन्दर नहीं होता है। भले हम उसे सुन नहीं पाते परन्तु उसे अनुभव तो कर ही सकते हैं। अत: मुखरित होनेवाला गीत और अमुखरित होनेवाला गीत दोनों ही सुन्दर है।
2 संदर्भ-सहित व्याख्या कीजिए –
a). अपने पतझर के सपनों का
मैं भी जग को गीत सुनाता
उत्तर:- संदर्भ – प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ पाठ्यपुस्तक स्पर्श भाग – 1 में संकलित कविता ‘गीत-अगीत’ से ली गई हैं। इसके कवि रामधारी सिंह दिनकर है।
व्याख्या – नदी के तट पर खड़ा गुलाब सोचता है कि यदि विधाता उसे भी स्वर देते तो वह भी अपने पतझर की व्यथा सुनाता।
b). गाता शुक जब किरण वसंती
छूती अंग पर्ण से छनकर
उत्तर:- संदर्भ – प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ पाठ्यपुस्तक स्पर्श भाग – 1 में संकलित कविता ‘गीत-अगीत’ से ली गई हैं। इसके कवि रामधारी सिंह दिनकर है।
व्याख्या – जब सूरज की वासंती किरणें पत्तों से छनकर आती है और शुक के अंगों को छूती है तो वह प्रसन्न होकर गा उठता है।
c). हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की
बिधना यों मन में गुनती है
उत्तर:- संदर्भ – प्रस्तुत काव्य पंक्तियाँ पाठ्यपुस्तक स्पर्श भाग – 1 में संकलित कविता ‘गीत-अगीत’ से ली गई हैं। इसके कवि रामधारी सिंह दिनकर है।
व्याख्या – यहाँ पर जब प्रेमिका अपने प्रेमी के गीत को छिपकर सुनती है तो वह विधाता से यही कहती है कि काश वह भी इस गीत की कड़ी बन पाती।
3. निम्नलिखित उदाहरण में ‘वाक्य–विचलन‘को समझने का प्रयास कीजिए। इसी आधार पर प्रचलित वाक्य–विन्यास लिखिए −
उदाहरण: तट पर एक गुलाब सोचता
एक गुलाब तट पर सोचता है।
(क) देते स्वर यदि मुझे विधाता
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(ख) बैठा शुक उस घनी डाल पर
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(ग) गूँज रहा शुक का स्वर वन में
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(घ) हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की
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(ङ) शुकी बैठ अंडे है सेती
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उत्तर:- (क) देते स्वर यदि मुझे विधाता
यदि विधावा मुझे स्वर देते।
ख) बैठा शुक उस घनी डाल पर
उस धनी डाल पर शुक बैठा है।
(ग) गूँज रहा शुक का स्वर वन में
शुक का स्वर वन में गूँज रहा है।
(घ) हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की
मैं गीत की कड़ी क्यों न हो सकी।
(ङ) शुकी बैठ अंडे है सेती
शुकी बैठ कर अंडे सेती है।
NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 8 Geet Ageet is a thoughtful poem that reflects the contrast between songs that express joy and those that remain unspoken due to pain, struggle, or silence. The poet beautifully describes how life is filled with both harmonious moments and challenging emotions.
While some experiences become melodious songs, others stay hidden within the heart, unexpressed and unheard.
The poem conveys that not every feeling can be openly shared—some emotions stay buried due to sorrow, helplessness, or situations that restrict expression. Through symbolic imagery, the poet shows that life is a blend of light and darkness, hope and disappointment, expression and silence.
Geet Ageet encourages readers to understand the depth of human emotions and recognize that silent struggles carry their own significance. The poem invites students to reflect on empathy, inner strength, and the unspoken truths that shape human existence.