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यूपीएससी परीक्षा तीन चरणों में होती है: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार।
What is the basic syllabus of the UPSC exam?
UPSC का बेसिक सिलेबस में प्रीलिम्स, मुख्य परीक्षा (सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक विषय), और साक्षात्कार शामिल हैं, जिसमें सामान्य ज्ञान, भारतीय राजनीति, इतिहास, भूगोल, समाज, विज्ञान, और अन्य महत्वपूर्ण विषयों का अध्ययन किया जाता है।
Where can the UPSC syllabus be downloaded from?
आप UPSC की आधिकारिक वेबसाइट या इस ब्लॉग से UPSC Syllabus in Hindi PDF डाउनलोड कर सकते हैं।
UPSC Syllabus in Hindi 2025, डाउनलोड विषयवार सिलेबस पीडीएफ
संघ लोक सेवा आयोग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर UPSC सिलेबस पीडीएफ इन हिंदी 2025 जारी कर दिया है। उम्मीदवार इस लेख में दिए गए सीधे लिंक से प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए UPSC CSE सिलेबस हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं।
Deeksha Dixit22 Jul, 2025
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हिंदी माध्यम के छात्रों के लिए UPSC सिलेबस PDF हिंदी में बहुत ज़रूरी है। हिंदी माध्यम से तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को अपनी तैयारी में सहायता के लिए हिंदी में UPSC सिलेबस को समझना ज़रूरी है, ताकि वे सभी विषयों को सही ढंग से समझ सकें। जब सिलेबस हिंदी में होता है, तो छात्रों को पूरी जानकारी सही तरीके से मिलती है और वे आत्मविश्वास के साथ तैयारी कर सकते हैं। हिंदी में UPSC सिलेबस जानने के लिए आगे पढ़ें।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) भारत में सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा आयोजित करता है, जो IAS, IPS और IRS पदों की भर्ती के लिए हर साल आयोजित की जाती है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE) तीन चरणों में आयोजित की जाती है - प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। उम्मीदवारों को परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले UPSC सिलेबस को हिंदी में अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए।
यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा पाठ्यक्रम 2025 हिंदी
यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में दो पेपर होते हैं:
सामान्य अध्ययन पेपर-I: इसमें भारतीय इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, विज्ञान और समसामयिक मामलों से प्रश्न होते हैं। यह पेपर सिविल सेवा मुख्य परीक्षा (मेन्स) के लिए योग्य उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के लिए है।
CSAT (सिविल सेवा योग्यता परीक्षण): इसमें गणितीय तर्क, डेटा व्याख्या, निर्णय लेने की क्षमता और संचार कौशल पर आधारित प्रश्न होते हैं। यह पेपर केवल क्वालीफाइंग है, यानी आपको अपने GS पेपर-I अंकों के आधार पर चयनित होने के लिए केवल न्यूनतम अंक (33%) स्कोर करना होगा।
यूपीएससी पाठ्यक्रम सामान्य अध्ययन 1 (जीएस-1)
इस पेपर में इतिहास, भारतीय विरासत और संस्कृति, समाज, भूगोल और विश्व इतिहास के महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया गया है:
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के समसामयिक मामले।
भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
भारत एवं विश्व भूगोल – भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल।
भारतीय राजनीति और शासन- संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार संबंधी मुद्दे आदि।
आर्थिक और सामाजिक विकास - सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसंख्या, सामाजिक क्षेत्र की पहल आदि।
पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन से संबंधित सामान्य मुद्दे जिनके लिए विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं होती।
सामान्य विज्ञान।
सीसैट यूपीएससी पाठ्यक्रम (जीएस-2)
CSAT (सिविल सेवा योग्यता परीक्षण) यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा का दूसरा पेपर है, जिसे सामान्य अध्ययन पेपर-II (GS-2) के रूप में जाना जाता है। CSAT पेपर योग्यता आधारित है। इसमें शामिल विषय हैं:
समझ
संचार एवं पारस्परिक कौशल
तार्किक और विश्लेषणात्मक क्षमता
निर्णय लेना और समस्या समाधान
सामान्य मानसिक क्षमता
बुनियादी संख्यात्मकता (संख्याएं और उनके संबंध, विस्तार का क्रम आदि – कक्षा X स्तर)
डेटा व्याख्या (चार्ट, ग्राफ़, तालिकाएँ, डेटा पर्याप्तता आदि – कक्षा X स्तर)
यूपीएससी मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम 2025 हिंदी
मुख्य परीक्षा में 9 पेपर होते हैं, जिनमें से दो पेपर क्वालीफाइंग होते हैं, जबकि बाकी सात पेपर मेरिट के लिए गिने जाते हैं।
यूपीएससी पाठ्यक्रम मुख्य भाषा पेपर
मुख्य परीक्षा के भाषा पेपर में निम्नलिखित शामिल हैं:
भारतीय भाषा (पेपर ए)
अंग्रेजी भाषा (पेपर बी)
यूपीएससी मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम: भारतीय भाषाएँ
इसमें अभ्यर्थी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किसी एक भाषा का चयन करना होता है। इसमें निम्नलिखित विषय शामिल हैं:
भारतीय भाषाएँ:- (i) दिए गए गद्यांशों की समझ (ii) सारांशीकरण (iii) शब्द प्रयोग और शब्दावली (iv) लघु निबंध (v) अंग्रेजी से भारतीय भाषा में अनुवाद और इसके विपरीत
यूपीएससी मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम: अंग्रेजी पेपर
अंग्रेजी भाषा का पेपर भी क्वालीफाइंग प्रकृति का होता है। इसमें निम्नलिखित प्रश्न शामिल होते हैं:
प्रश्न पत्र का प्रारूप सामान्यतः निम्नानुसार होगा (i) दिए गए अनुच्छेद की समझ (ii) सारांश (iii) शब्द प्रयोग और शब्दावली (iv) लघु निबंध
निबंध पेपर में अभ्यर्थियों को विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और दार्शनिक विषयों पर निबंध लिखना होता है। इस पेपर का उद्देश्य अभ्यर्थियों की सोचने की क्षमता, लेखन क्षमता और समग्र दृष्टिकोण का मूल्यांकन करना है।
निबंध: अभ्यर्थियों को विभिन्न विषयों पर निबंध लिखना होगा। उनसे अपेक्षा की जाएगी कि वे विषय से विचलित न हों, अपने विचारों को व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत करें और संक्षिप्त रहें।
यूपीएससी मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम सामान्य अध्ययन
मुख्य परीक्षा में चार सामान्य अध्ययन (जीएस) पेपर होते हैं:
जीएस पेपर 1: भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व इतिहास, भूगोल और समाज
भारतात्य संस्कृती में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
18वीं सदी के प्रारंभ मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास—घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय।
स्वतंत्रता संग्राम—इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों ने इसमें अपना योगदान तथा इसके प्रमुख व्यक्तित्व/आन्दोलनों का परिदृश्य।
स्वतंत्रता के पश्चात देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
विश्व के इतिहास में 18वीं सदी की दूस्तीऔद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय आंदोलन एवं पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद के उन्मूलन, राजनीतिक दर्शन जैसे उदारवाद, सामाजिकवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे।
भारतीय समाज के मुख्य विशेषण, भारत में जाति-धर्म-क्षेत्रीयता।
महिला स्थिति के सुधार, महिला आंदोलन, जनसंख्या एवं जनसांख्यिकीय परिवर्तन, गरीबी तथा विकासशीलता—विषय, योजनाएँ, कार्यक्रम और सूचकांक।
भारतीय समाज में अनुसूचित/अनुसूचित जनजाति का स्थान।
सामाजिक संरचना, समाजशास्त्र, धर्म, संस्कृति एवं धर्मनिरपेक्षता।
विश्व के ऐतिहासिक-सामाजिक परिवेश के मुख्य विशेषण।
विश्व के मुख्य प्राकृतिक वितरण (भूमंडलीकरण और भारतीय उपमहाद्वीप के संदर्भ में शामिल करें), विश्व (भारतीय इतिहास) के विभिन्न भागों में भू-राजनीतिक, आर्थिक और भौतिक अवसंरचना के विकास, उदारवाद और लोकतंत्र को स्थापित करने के लिए किए गए जिम्मेदार प्रयास।
भूगोल, मानव-पर्यावरण सम्बन्ध, जलवायु परिवर्तन से संबंधित महत्वपूर्ण भू-आकृतिक घटना; प्राकृतिक निवास स्थानों के समझ और संरक्षण महत्वपूर्ण जैव-वैविध्य (जलीय और स्थलीय) तथा इको-सिस्टम व प्राणी-जैविक परिसंस्थाएँ और इनके परिवर्तनों का प्रभाव।
जीएस पेपर 2: शासन, संविधान, शासन, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारतीय संविधान-ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां।
विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
संसद और राज्य विधायिका - संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियां एवं विशेषाधिकार और इनमें उत्पन्न होने वाले विषय।
कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य - सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रकाश समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिकाएं।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व।
सांविधानिक, विधायिकाएं और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
विकास प्रक्रियाएं एवं विकास उद्योग - सरकारी संगठन, स्वयं सहायता समूहों, गैर सरकारी संस्थाएं और संस्थान, लोकोपकारी संस्थाएं, संस्थाएं एवं अन्य एजेंसियों की भूमिकाएं।
केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं।
केंद्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठन तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
गरीबी और भूख से संबंधित विषय।
शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस-अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही हेतु संस्थाएं तथा अन्य उपाय।
लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
भारत एवं इसके पड़ोसी-संवंध।
द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
भारत की विदेश नीति, भारत परिषद पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच – उनकी संरचना, अधिदेश।
जीएस पेपर 3: आधिकारिक, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन
भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रायोजन, विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय।
सतत् विकास तथा इससे उत्पन्न मुद्दे।
सरकारी बजट।
प्रमुख फसलें: देश के विभिन्न भागों में फसलों के पैटर्न - सिंचाई के विभिन्न प्रकार तथा सिंचाई प्रणाली-अनुपात क्षेत्र, जल संसाधन तथा नीतियाँ, संवीक्षित फसलों तथा विभिन्न प्रकार की कृषि पद्धतियाँ तथा कृषि उत्पादन की प्रणाली।
भूमि सुधार से संबंधित विषय तथा नवीनतम प्रवृत्तियों से संबंधित विषय; खाद्य प्रसंस्करण तथा संबंधित उद्योग, ईंधन, उर्वरक, कृषि से जुड़ी वस्तुएं सुरक्षा मुद्दे, कृषि उत्पाद विपणन।
भारत में खनिज संसाधन तथा संबंधित उद्योग - अवस्थिति एवं महत्व, खनन, ऊर्जा और आभियांत्रिकी; औद्योगिक प्रमुख क्षेत्र।
भारत में पशुपालन।
औद्योगिक नीति का अवलोकन एवं प्रभाव; औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर प्रभाव।
अधोसंरचना: ऊर्जा, संचार, जल, विमाननपत्तन, रेलवे आदि।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी - विकास एवं अनुप्रयोग और रोजगार के जीवन पर इसका प्रभाव।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज स्रोत से प्रौद्योगिकी का विकास एवं आत्मनिर्भरता।
सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटर, रोबोटिक्स, माइटोटेक्नोलॉजी, नैनो-प्रौद्योगिकी, आदि सहित प्रौद्योगिकी में नए विकास से संबंधित विषयों में सामान्य जागरूकता।
जागरूकता:
संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और संरक्षण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
आपदा और आपदा प्रबंधन।
पर्यावरण और फैली घटनाएं और संबंध।
पर्यावरण सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए विशेष तत्वों की भूमिका।
भारत और पड़ोसी देशों के भौगोलिक स्थल को प्रभावित, प्राकृतिक सुरक्षा चुनौतियाँ।
आपदा प्रबंधन योजना तैयार करने की प्राथमिकता एवं प्रक्रिया; संसाधन सुरक्षा की रणनीति एवं आवश्यक सुधार।
पर्यावरण सुरक्षा और संरक्षण एवं जागरूकता अभियान - सांस्कृतिक प्रथाओं और संबंधित वैधानिक प्रावधान।
विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिकार।
जीएस पेपर 4: नैतिकता, सामाजिक स्थिरता और अभिव्यक्ति।
नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध: मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र।
मानवीय मूल्य - महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
अभिवृत्ति: सारांश (कंटेंट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिन्नता; सामाजिक प्रभाव और प्रबंधन; अवधारण।
सिविल सेवा के लिए अभिन्नता तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदन।
भावनात्मक समझ: अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र: स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थाओं में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; शासन व्यवस्था में नीति/नैतिकता तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंध तथा निजी व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; पारदर्शिता।
शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार; सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता; सूचना का अधिकार, नीति/नैतिक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषण पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
उपरोक्त विषय पर मामला संबंधित अध्ययन (केस स्टडी)
यूपीएससी पाठ्यक्रम वैकल्पिक विषय सूची 2025
यूपीएससी मुख्य परीक्षा में अभ्यर्थियों को एक वैकल्पिक विषय चुनना होगा। वैकल्पिक विषयों की सूची में निम्नलिखित शामिल हैं:
(i) कृषि विज्ञान (ii) पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान (iii) वानिकी (iv) वानस्पत्य विज्ञान (v) रसायन विज्ञान (vi) सिविल इंजीनियरी (vii) वाणिज्य शास्त्र तथा लेखा विधि (viii) अर्थशास्त्र (ix) विद्युत् इंजीनियरी (x) भूगोल (xi) भू-विज्ञान (xii) इतिहास (xiii) विधि (xiv) प्रबन्धन (xv) गणित (xvi) यांत्रिक इंजीनियरी (xvii) चिकित्सा विज्ञान (xviii) दर्शन शास्त्र (xix) भौतिकी (xx) राजनीति विज्ञान तथा अन्तर्राष्ट्रीय संबंध (xxi) मनोविज्ञान (xxii) लोक प्रशासन (xxiii) समाज शास्त्र (xxiv) सांख्यिकी (xxv) प्राणी विज्ञान (xxvi) निम्नलिखित भाषाओं में से किसी एक भाषा का साहित्य: असमीया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिन्दी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मैथिली, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली, ओड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु, उर्दू और अंग्रेज़ी।
साक्षात्कार या व्यक्तित्व परीक्षण यूपीएससी परीक्षा का अंतिम चरण है । इसमें उम्मीदवार की मानसिक सतर्कता, नेतृत्व क्षमता, संचार कौशल और सामान्य जागरूकता का परीक्षण किया जाता है। साक्षात्कार अधिकतम 275 अंकों का होता है । ये अंक मुख्य परीक्षा में उम्मीदवार के कुल अंकों के बाद जोड़े जाते हैं। व्यक्तित्व परीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह देखना है कि उम्मीदवार को चयनित पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति माना जा सकता है या नहीं।
यूपीएससी पाठ्यक्रम पीडीएफ हिंदी में 2025
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सेवा परीक्षा 2025 का नवीनतम पाठ्यक्रम अब हिंदी में उपलब्ध है। इसमें प्रारंभिक और मुख्य दोनों परीक्षाओं के लिए विस्तृत पाठ्यक्रम शामिल है। उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक से UPSC सिलेबस 2025 पीडीएफ हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं और अपनी तैयारी को सही दिशा दे सकते हैं।
यूपीएससी के लिए किताबें
PWONLYIAS UPSC वाला हिंदी GS + CSAT कॉम्बो सेट एक पूर्ण और अत्यधिक प्रभावी अध्ययन सामग्री है जिसे विशेष रूप से UPSC परीक्षा 2024 की तैयारी के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस सेट में 24 पुस्तकें हैं जो सामान्य अध्ययन (GS) और CSAT (सिविल सेवा योग्यता परीक्षा) दोनों के लिए आवश्यक सभी विषयों को कवर करती हैं। इस सेट का उपयोग करके, उम्मीदवार अपनी तैयारी को अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बना सकते हैं।
यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए पाठ्यक्रम को समझना सबसे महत्वपूर्ण कदम है। सही रणनीति और मार्गदर्शन से सफलता प्राप्त की जा सकती है। भौतिकी वाला यूपीएससी पाठ्यक्रम आपको सर्वोत्तम अध्ययन सामग्री, टेस्ट सीरीज़ और शिक्षकों से मार्गदर्शन प्रदान करता है। अभी जुड़ें और अपनी तैयारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएं!