Yashpal wrote a short story named "Lakhnavi Andaz" (A Lucknowi Style) for NCERT Class 10 Hindi (Kshitij) Chapter 12.
Through the writer's interaction with a Nawab (a nobleman) on a train ride, it examines the issue of social falsehood and simplicity. This story criticizes certain individuals' willingness to maintain an air of greatness and elegance when their situation doesn't call for it.
In his chapter class 10 hindi Lucknavi Andaz Yashpal emphasizes the distinctive customs, manners, and speech patterns of the Lucknowi people.
The Lucknavi style emphasizes not just language but also complicated manners, elegance, and courteous conduct. It is well known that Lucknowi people use such elegant and courteous language to convey even the most harsh or critical things without offending anybody.
The author highlights in this chapter how polite speech, dignified behavior, and respectful conversation improve harmony and enjoyment in life.
The Class 10 Hindi Lakhnavi Andaz question-answers are crucial because they enable students to understand the lesson's main idea, which emphasizes Lucknow's culture, manners, and sophisticated communication mode.
By going over important topics, practicing these questions helps students write better answers, become better at expressing themselves in Hindi, and get ready for the exam. Before starting to write the NCERT Questions given in this chapter 12, also read the theory of the chapter and try to understand the meaning. And take reference for Lakhnavi Andaaz summary from NCERT Solutions of class-10 Hindi.
1. लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं ?
उत्तर:- लेखक के अचानक डिब्बे में कूद पड़ने से नवाब-साहब की आँखों में एकांत चिंतन में खलल पड़ जाने का असंतोष दिखाई दिया। ट्रेन में लेखक के साथ बात-चीत करने के लिए नवाब साहब ने कोई उत्साह नहीं प्रकट किया। लेखक से कोई बातचीत भी नहीं की और न ही उनकी तरफ देखा। इससे लेखक को स्वयं के प्रति नवाब साहब की उदासीनता का आभास हुआ।
2. नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंतत: सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा ? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है ?
उत्तर:- नवाब साहब द्वारा दिए गए खीरा खाने के प्रस्ताव को लेखक ने अस्वीकृत कर दिया। खीरे को खाने की इच्छा तथा सामने वाले यात्री के सामने अपनी झूठी साख बनाए रखने के उलझन में नवाब साहब ने खीरा खाने की सोची परन्तु जीत नवाब के दिखावे की हुई। और इसी इरादे से नवाब साहब ने खीरा सूँघ कर फेंक दिया ।
नवाब के इस स्वभाव से ऐसा प्रतीत होता है कि वो दिखावे की जिंदगी जीते हैं। खुद को अमीर सिद्ध करने के लिए वो कुछ भी कर सकते हैं।
3. बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?
उत्तर:- हम लेखक यशपाल के विचारों से पूरी तरह सहमत हैं। किसी भी कहानी की रचना उसके आवश्यक तत्वों – कथावस्तु, घटना, पात्र आदि के बिना संभव नहीं होती। घटना तथा कथावस्तु कहानी को आगे बढ़ाते हैं, पात्रों द्वारा संवाद कहे जाते हैं। कहानी में कोई न कोई विचार, बात या उद्देश्य भी अवश्य होना चाहिए। ये कहानी के लिए आवश्यक तत्व हैं।
4. आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे?
उत्तर:- इस कहानी का नाम ‘झूठा दिखावा’ ‘नवाबी शान’, या ‘आडम्बर’ भी रखा जा सकता है, क्योंकि नवाब ने अपनी झूठी शान-शौकत को कायम रखने के लिए अपनी इच्छा को ही दबा दिया। साथ ही उनके नवाबी स्वभाव, सामंती-वर्ग की बनावटी जीवन-शैली व दिखावे को सिद्ध करता है।
5.1 नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
उत्तर:- सेकंड क्लास के एकांत डिब्बे में बैठे नवाब साहब खीरा खाने की इच्छा से दो ताज़े खीरे एक तौलिए पर रखे हुए थे। पहले तो उन्होंने खीरे को खिड़की से बाहर निकालकर लोटे के पानी से धोया और तौलिए से साफ़ कर पानी सुखा लिया जेब से चाकू निकाला। दोनों खीरों के सिर काटे और उन्हें गोद कर झाग निकाला। फिर खीरों को बहुत सावधानी से छीलकर फाँको पर बहुत कायदे से जीरा, नमक-मिर्च की सुर्खी बुरक दी। इसके बाद एक-एक करके उन फाँको को उठाते गए और उन्हें सूँघकर खिड़की से बाहर फेंकते गए।
5.2 किन-किन चीज़ों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं?
उत्तर:- हम खीर का रसास्वादन करने के लिए उसे अच्छी तरह से एक कटोरी में रखते हैं तथा उसके ऊपर काजू, किशमिश, बादाम और पिस्ता डालकर अच्छी तरह से उसे सजाते हैं और फिर उसका स्वाद लेते हैं ।
6. खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की और भी सनकों और शौक के बारे में पढ़ा-सुना होगा।किसी एक के बारे में लिखिए।
उत्तर:- पाठ में प्रस्तुत खीरे के प्रसंग द्वारा नवाब के दिखावटी ज़िंदगी का पता चलता है, इससे उनके सनकी व्यक्तित्व का ज्ञान होता है। ऐसे ही एक सनक यह भी हो सकती है –
नवाब अपनी शान और शौकत के लिए पैसे लुटाने से बाज़ नहीं आते हैं। फिर चाहे उनके घर में पैसों की तंगी ही क्यों न हो पर बाहर वे खूब पैसे लुटाते हैं।
7. क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है? यदि हाँ तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:- सनक के दो रुप होते हैं। ऐसे कुछ सनकों का उल्लेख नीचे दिया जा रहा है –
एक सकारात्मक तथा दूसरा नकारात्मक। जहाँ एक ओर नकारात्मक सनक किसी व्यक्ति को समाज में हँसी -मजाक का पात्र बना देता है वहीं सनक का सकारात्मक पक्ष उसे रातों-रात प्रसिद्ध कर देता है।
मदर टेरेसा को सनक थी गरीब और बेसहारा लोगों की मदद करने की,तो हमारे देश के देशभक्त नेताओं को देश को आज़ादी, दिलाने की सनक सवार थी, महात्मा बुद्ध की सत्य को खोने की सनक ने उन्हें गौतम बुद्ध का दर्जा दिला दिया।
8.1 निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए –
एक सफेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे।
उत्तर:- बैठे थे – अकर्मक क्रिया
8.2 निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए –
नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया।
उत्तर:- दिखाया – सकर्मक
8.3 निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया – भेद भी लिखिए –
ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है।
उत्तर:- कल्पना करना – अकर्मक
है – अकर्मक
8.4 निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए –
अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे।
उत्तर:- काटना – सकर्मक
खरीदे होंगे – सकर्मक
8.5 निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए –
दोनों खीरों के सिरे। काटे और उन्हें गोदकर झाग निकाला
उत्तर:- काटा – सकर्मक
गोदकर – सकर्मक
निकाला – सकर्मक
8.6 निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए –
नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक – मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँको की ओर देखा।
उत्तर:- देखा – अकर्मक (प्रयोग)
8.7 निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए –
नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए।
उत्तर:- लेट गए – अकर्मक
थककर – अकर्मक
8.8 निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए –
जेब से चाकू निकाला।
उत्तर:- निकाला – सकर्मक
In this section, Students can get Class 10 Hindi Lakhnavi Andaaz Question Answer to better understand and easily learn from Class 10 Hindi Chapter 12 Question Answer. Here is the Lakhnavi Andaaz Question Paper PDF given below:
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