Chapter 8 Bade Bhai Sahab Class 10 NCERT Solutions: These NCERT Solutions for Class 10 Hindi sparsh Chapter 8 – "Bade Bhai Sahab" are designed to help students समझने, practice, and master the story effectively.
They provide विस्तृत उत्तर (detailed answers) to help students grasp चरित्र की विशेषताएँ, थीम, और साहित्यिक तकनीकें while preparing according to the CBSE Class 10 syllabus.
The exercises are structured to cover every aspect of the chapter:
मौखिक प्रश्न (Oral Questions): Focus on quick recall and understanding of basic plot points.
लिखित प्रश्न – संक्षिप्त उत्तर (Written Questions – Short Answer): Explore character actions, motivations, and immediate effects of events.
लिखित प्रश्न – विस्तृत उत्तर (Written Questions – Long Answer): Delve into deeper themes, detailed character analysis, and critical thinking.
अर्थ स्पष्ट कीजिए (Aashay Spasht Keejiye): Interpretation of important phrases and sentences from the text.
भाषा अध्ययन (Bhasha Adhyayan – Language Study): Focus on vocabulary, grammar, and literary techniques used in the chapter.
These solutions ensure CBSE Class 10 Hindi exam readiness
These NCERT Solutions for Class 10 Hindi sparsh chapter 8 help students deeply understand the chapter "Bade Bhai Sahab". They offer clear answers to all questions, aiding in concept mastery and exam preparation.
These Bade Bhai Sahab Class 10 question answer solutions are vital for reinforcing learning. They ensure students grasp the nuanced themes, character developments, and literary techniques effectively.
मौखिक
1. कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थी?
उत्तर: कथा नायक को खेलकूद, गप्पबाजी, कागज की तितलियाँ बनाने, उड़ाने, उछल कूद करने, चारदीवारी पर चढ़कर नीचे कूदने, फाटक पर सवार होकर उसे मोटर कार बनाकर मस्ती करने में थी।
2. बड़े भाई छोटे भाई से हर समय सवाल क्या पूछते थे?
उत्तर: वे उससे हमेशा यही सवाल पूछते "कहाँ थे?"।
3. दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर: दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई को लगने लगा कि यदि अब वह पढ़े या न पढ़े वह आसानी से अच्छे नंबरों से पास हो सकता है। इसलिए उसने पढ़ना बंद कर दिया और अपनी मौज खूब बढ़ा दी।
4. भाई साहब छोटे भाई से उम्र में कितने बड़े थे और कौन सी कक्षा में पढ़ते थे?
उत्तर: बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में 5 साल बड़े थे और वे नवमी कक्षा में पढ़ते थे।
बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे?
उत्तर: बड़े भाई साहब अपने दिमाग को आराम देने के लिए अलग‑अलग कलात्मक गतिविधियाँ करते थे। वे अपनी किताबों के हाशिए पर चिड़ियों, कुत्ते, बिल्ली आदि की चित्रकारी करते, कई बार एक ही शेर को बार‑बार लिखते और कभी-कभी ऐसी तुकबंदी बनाते जिसका कोई स्पष्ट अर्थ न होता।
लिखित
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए –
1. छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?
उत्तर:- छोटे भाई ने टाइम टेबिल बनाते यह सोचा कि वह मन लगाकर पढ़ाई करेगा और अपने बड़े भाई साहब को शिकायत का कोई मौका न देगा परन्तु उसके स्वच्छंद स्वभाव के कारण वह अपने ही टाईम टेबिल का पालन नहीं कर पाया क्योंकि पढ़ाई के समय उसे खेल के हरे-भरे मैदान, फुटबॉल, बॉलीबॉल और मित्रों की टोलियाँ अपनी ओर खींच लेते थे ।
2. एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर:- एक दिन गुल्ली डंडा खेलने के बाद छोटे भाई का सामना बड़े भाई से हो जाता है। उसे देखते ही बड़े भाई साहब उसे समझाने लगते हैं कि एक बार कक्षा में अव्वल आने का तात्पर्य यह नहीं कि वह अपने पर घमंड करने लगे क्योंकि घमंड तो रावण जैसे शक्तिशाली को भी ले डूबा इसलिए उसे इसी तरह समय बर्बाद करना है तो उसे घर चले जाना चाहिए। उसे पिता की मेहनत की कमाई को यूँ खेल कूद में बर्बाद करना शोभा नहीं देता नहीं है।
3. बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?
उत्तर:- बड़े भाई होने के नाते वे अपने छोटे भाई के सामने एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहते थे। उन्हें अपने नैतिक कर्तव्य का ज्ञान था वे अपने किसी भी कार्यों द्वारा अपने छोटे भाई के सामने गलत उदाहरण रखना नहीं चाहते थे जिससे कि उनके छोटे भाई पर बुरा असर पड़े। इसलिए बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छा दबानी पड़ती थी।
4. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों?
उत्तर:- बड़े भाई साहब छोटे भाई साहब को हमेशा पढ़ाई के लिए परिश्रम की सलाह देते थे। उनके अनुसार एक बार कक्षा में अव्वल आने का तात्पर्य यह नहीं कि हर बार वह ही अव्वल आए। घमंड और जल्दबाजी न करते हुए उसे अपनी नींव मजबूती की ओर ध्यान देना चाहिए। अत: पढ़ाई के लिए सतत अध्ययन, खेल कूद से ध्यान हटाना तथा मन की इच्छाओं को दबाना आदि सलाह वे समय-समय पर देते रहते थे।
5. छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फायदा उठाया?
उत्तर:- बड़े भाई के नरम व्यवहार का छोटे भाई ने गलत फायदा उठाना शुरू कर दिया। छोटे भाई की स्वच्छंदता बढ़ गई अब वह पढ़ने-लिखने की अपेक्षा सारा ध्यान खेल-कूद में लगाने लगा। उसे लगने लगा कि वह पढ़े या न पढ़े परीक्षा में पास तो हो ही जाएगा। उसके मन में अपने बड़े भाई के प्रति आदर और उनसे डरने की भावना कम होती जा रही थी।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए –
6. बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर:- मेरे अनुसार बड़े भाई की डाँट फटकार का ही अप्रत्यक्ष परिणाम था कि छोटा भाई कक्षा में अव्वल आया। क्योंकि छोटे भाई को वैसे ही पढ़ने लिखने की अपेक्षा खेल-कूद कुछ ज्यादा ही पसंद था। ये तो बड़े भाई के उस पर अंकुश रखने के कारण वह घंटा दो घंटा पढाई कर लेता था जिसके कारण वह परीक्षा में अव्वल आ जाता था।
7. इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?
उत्तर:- मैं लेखक के शिक्षा पर किए व्यंग पर पूरी तरह सहमत हूँ । पाठ में बच्चों की व्यावहारिक शिक्षा को पूरी तरह नजर अंदाज किया है। पाठ में बच्चों के ज्ञान कौशल को बढ़ाने की बजाए उसे रट्टू तोता बनाने पर जोर दिया गया है जो कि सर्वाधिक अनुचित है। परीक्षा प्रणाली में आंकड़ों को महत्त्व दिया गया है। बच्चों के सर्वांगीण विकास की ओर शिक्षा प्रणाली कोई ध्यान नहीं देती है।
8. बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?
उत्तर:- बड़े भाई के अनुसार जीवन की समझ ज्ञान के साथ अनुभव और व्यावहारिकता से आती है। पुस्तकीय ज्ञान को अनुभव में उतारने पर ही हम सही जीवन जी सकते हैं। हमारे बड़े बुजुर्गों ने भले कोई किताबी ज्ञान नहीं प्राप्त किया था परन्तु अपने अनुभव और व्यवहार के द्वारा उन्होंने अपने जीवन की हर परीक्षा को सफलतापूर्वक पार किया। अत: पुस्तकीय ज्ञान और अनुभव के तालमेल द्वारा जीवन की समझ आती है।
9. छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?
उत्तर:- छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के लिए श्रध्दा उत्पन्न हुई जब उसे पता चला उसके बड़े भाई साहब उसे सही राह दिखाने के लिए अपनी कितनी ही इच्छाओं का दमन करते थे, उसके पास हो जाने से उन्हें कोई ईर्ष्या नहीं होती थी और वे केवल अपने बड़े भाई होने का कर्तव्य निभा रहे थे।
10. बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?
उत्तर:- बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ निम्न थी –
• बड़े भाई साहब परिश्रमी विद्यार्थी थे। एक ही कक्षा में तीन बार फेल हो जाने के बाद भी पढाई से उन्होंने अपना नाता नहीं तोड़ा।
• वे गंभीर तथा संयमी किस्म का व्यक्तित्व रखते थे अर्थात् हर समय अपने छोटे भाई के सामने आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए खेल-कूद से दूर और अध्ययनशील बने रहते थे।
• बड़े भाई साहब कुशल वक्ता थे वे छोटे भाई को अनेकों उदाहारणों द्वारा जीवन जीने की समझ दिया करते थे।
• बड़ों के लिए उनके मन में बड़ा सम्मान था पैसों की फिजूलखर्ची को उचित नहीं समझते थे। छोटे भाई को अकसर वे माता-पिता के पैसों को पढ़ाई के अलावा खेल-कूद में गँवाने पर डाँट लगाते थे।
11. बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्वपूर्ण कहा है?
उत्तर:- बड़े भाई साहब जिंदगी के अनुभव को किताबी ज्ञान से अधिक महत्त्वपूर्ण समझते थे। उनके अनुसार किताबी ज्ञान तो कोई भी प्राप्त कर सकता है परन्तु असल ज्ञान तो अनुभवों से प्राप्त होता है कि हमने कितने जीवन मूल्यों को समझा, जीवन की सार्थकता, जीवन का उद्देश्य, सामाजिक कर्तव्य के प्रति जागरूकता की समझ को हासिल किया। अत: हमारा अनुभव जितना विशाल होगा उतना ही हमारा जीवन सुन्दर और सरल होगा।
12. बताइए पाठ के किन अंशों से पता चलता है कि –
छोटा भाई अपने भाई साहब का आदर करता है।
उत्तर:- फिर भी मैं भाई साहब का अदब करता था और उनकी नज़र बचाकर कनकौए उड़ाता था। मांझा देना, कन्ने बाँधना, पतंग टूर्नामेंट की तैयारियाँ आदि सब गुप्त रूप से हल हो जाती थीं।
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए –
13. इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज नहीं, असल चीज है बुद्धि का विकास।
उत्तर:- इस पंक्ति का आशय यह है कि केवल परीक्षा पास कर लेने से आप जीवन में सफलता प्राप्त कर ही लेंगे यह जरुरी नहीं है। असल ज्ञान तो बुद्धि के सही विकास से होता है और बुद्धि का सही विकास अनुभव और व्यवहार से होता है जिससे जीवन को पूर्णता प्राप्त होती है।
14. फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार और घुडकियाँ खाकर भी खेल-कूद का तिरस्कार न कर सकता था।
उत्तर:- इस पंक्ति का आशय यह है कि जिस प्रकार मनुष्य किसी भी परिस्थिति में अपनी मोह-माया को त्याग नहीं सकता ठीक उसी प्रकार छोटा भाई भी अपने खेल-कूद का त्याग नहीं कर पा रहा था।
15. बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैसे पायेदार बने?
उत्तर:- इस पंक्ति का आशय यह है कि हम जिस प्रकार मकान को मजबूती प्रदान करने के लिए उसकी नींव को मजबूत बनाते है ठीक उसी प्रकार मनुष्य के जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षा रूपी नींव की मजबूती अति आवश्यक है।
16. आँखें आसमान की ओर थीं और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर, जो मंद गति से झूमता पतन की ओर चला आ रहा था, मानो कोई आत्मा स्वर्ग से निकलकर विरक्त मन से नए संस्कार ग्रहण करने जा रही हो।
उत्तर:- इस पंक्ति का आशय यह है कि लेखक की नज़र केवल और केवल आसमान से नीचे आती हुई पतंग पर थी। वह इस समय दुनिया जहान से बेखबर अपनी ही दुनिया में खोया हुआ था। मैं जानता हूँ, तुम्हें बातें जहर लग रही हैं।
• भाषा-अध्ययन
1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए –
. नसीहत, रोष, आजादी, राजा, ताजुब्ब
उत्तर:- नसीहत- मशवरा, सलाह, सीख।
रोष- गुस्सा, क्रोध, क्षोभ।
आजादी- स्वाधीनता, स्वतंत्रता, मुक्ति।
राजा- महीप, भूपति, नृप।
ताजुब्ब- आश्चर्य, अचंभा, अचरज।
2. प्रेमचंद की भाषा बहुत पैनी और मुहावरेदार है। इसीलिए इनकी कहानियाँ रोचक और प्रभावपूर्ण होती हैं। इस कहानी में आप देखेंगे कि हर अनुच्छेद में दो-तीन मुहावरों का प्रयोग किया गया है।
उदाहरणत : इन वाक्यों को देखिए और ध्यान से पढ़िए –
• मेरा जी पढ्ने में बिलकुल न लगता था? एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पहाड था।
• भाई साहब उपदेश की कला में निपुण थे? ऐसी-ऐसी लगती बातें कहते, ऐसे-ऐसे सूक्ति बाण चलाते कि मेरे जिगर के टुकडे-टुकडे हो जाते और हिम्मत टूट जाती?
• वह जानलेवा टाइम-टेबिल वह आँखफोड पुस्तकें किसी की याद न रहती और भाई साहब को नसीहत और फजीहत का अवसर मिल जाता?
निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए –
सिर पर नंगी तलवार लटकना, आड़े हाथों लेना, अंधे के हाथ बटेर लगना, लोहे के चने चबाना, दाँतों पसीना आना, ऐरा-गैरा नत्थू खैरा।
उत्तर:-
| मुहावरे | वाक्य |
| सिर पर नंगी तलवार लटकना | उधार लेने के कारण रोहन के सिर परहमेशा साहूकार की नंगी तलवार लटकतीरहती है । |
| आड़े हाथों लेना | पिता ने राम की गलती पर उसे आड़े हाथोंलिया। |
| अंधे के हाथ बटेर लगना | कम पढ़े-लिखे रमेश को इतनी अच्छीनौकरी का लगना जैसे अंधे के हाथ बटेरका लगना है। |
| लोहे के चने चबाना | आजकल के नन्हें-मुन्ने बच्चों को संभालनाऔर उनके प्रश्नों के उत्तर देना लोहे के चनेचबाने की तरह है । |
| दाँतों पसीना आना | गणित के इन सवालों ने तो मेरे दाँतोंपसीने निकाल दिए । |
| ऐरा-गैरा नत्थू खैरा | अब तो यही बात हो गई कि कोई भी ऐरा-गैरा आएगा और उपदेश देने लगेगा । |
3. निम्मलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए।
तत्सम तद्भव देशज आगत (अंग्रेजी एवं उर्दू/अरबी:फारसी)
जन्मसिद्ध आँख दाल- भात पोजीशन, फजीहत
तालीम, जल्दबाजी, पुखा, हाशिया, चेष्टा, जमात, हर्फ, सूक्तिबाण, जानलेवा, आँखफोड, घुडकियाँ, आधिपत्य, पन्ना, मेला – तमाशा, मसलन, स्पेशल, स्कीम, फटकार, प्रात :काल, विद्वान, निपुण, भाई साहब, अवहेलना, टाइम – टेबिल
उत्तर:-
| तत्सम | तद्भव | देशज | आगत |
|
चेष्टा सूक्तिबाण आधिपत्य मेला फटकार प्रात:काल विद्निपुण अवहेलना |
जानलेवा आँखफोड़ पन्ना भाईसाहब |
घुड़कियाँ |
तालीम जल्दबाजी स्पेशल पुख्ता स्कीम टाइम-टेबिल जमात हर्फ़ तमाशा मसलन |
4. क्रियाएँ मुख्यत : दो प्रकार की होती हैं – सकर्मक और अकर्मक।
सकर्मक क्रिया – वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की अपेक्षा रहती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं;
जैसे – शीला ने सेब खाया?
मोहन पानी पी रहा है?
अकर्मक क्रिया – वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की अपेक्षा नहीं होती, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं;
जैसे – शीला हसँती है?
बच्चा रो रहा है?
नीचे दिए वाक्यों में कौन – सी क्रिया है – सकर्मक या अकर्मक? लिखिए –
(क) उन्होंने वहीं हाथ पकड़ लिया।
(ख) फिर चोरों-सा जीवन कटने लगा।
(ग) शैतान का हाल भी पढ़ा ही होगा।
(घ) मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगता।
(ङ) समय की पाबंदी पर एक निबंध लिखो।
(च) मैं पीछे – पीछे दौड़ रहा था।
उत्तर:- (क) सकर्मक
(ख) सकर्मक
(ग) सकर्मक
(घ) सकर्मक
(ङ) सकर्मक
(च) अकर्मक
5. ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए –
विचार, इतिहास, संसार, दिन, नीति, प्रयोग, अधिकार
उत्तर:- वैचारिक, ऐतिहासिक, सांसारिक, दैनिक, नैतिक, प्रायोगिक, आधिकारिक
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