Physics Wallah

chapter 14-Nida Fazli

Share

Share

chapter 14-Nida Fazli

NCERT Solutions for Class-10 Hindi (Sparsh)

Find below NCERT Solutions for Class 10 Hindi of chapter 14  Nida Fazli created by experts faculty of Physics Wallah. NCERT Solutions are accessible in PDF format on Physics Wallah.com.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए –
1. अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?


उत्तर:- अरब में लशकर को नूह नाम से याद करने का कारण यह है कि एक बार उन्होंने एक जख्मी कुत्ते को दुत्कार दिया था और इसी कारण वे उम्र-भर रोते रहे थे।

2. लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं और क्यों?

उत्तर:- लेखक की माँ शाम के समय पेड़ों से पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थी क्योंकि उनका मानना था कि ऐसा करने से पेड़ रोते हैं और हमें बददुआ देते हैं।

3. प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ?

उत्तर:- गर्मी में ज्यादा गर्मी, बेवक्त की बरसातें, जलजले, सैलाब, तूफ़ान और नित नए रोग ये सारे प्रकृति में आए असंतुलन का परिणाम हैं।

4. लेखक की माँ ने पूरे दिन का रोज़ा क्यों रखा?

उत्तर:- लेखक के घर में कबूतरों ने दो अंडें दे रखे थे। एक अंडा तो बिल्ली द्वारा तोड़ दिया गया था और दूसरा अंडा लेखक की माँ के बचाने के कारण टूट गया था जिसके कारण वे दुखी हो गई और उसी का प्रायश्चित करने के लिए लेखक की माँ ने पूरे दिन का रोज़ा रखा।

5. लेखक ने ग्वालियर से बंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- लेखक ने ग्वालियर से बम्बई तक अनेक बदलावों को महसूस किया जैसे पहले बड़े-बड़े घर, आँगन और दालान होते थे। अब डिब्बे जैसे घरों में लोगों को गुजारा करना पड़ता है। चारों ओर इमारतें और इमारतें ही पाई जाती है । खुले स्थानों, पशु-पक्षियों के रहने के स्थानों का अभाव दिखाई देता है। पहले पशु-पक्षियों को घरों में स्थान मिलता था आज उनके घर आने के रास्तों को ही बंद कर दिया जाता है।

6. ‘डेरा डालने’ से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- ‘डेरा डालने’ का आशय है – अस्थाई रूप से बसना। आजकल पक्षियों को अपने घोसलें बनाने के लिए उपयुक्त जगह नहीं मिल पाती हैं इसलिए वे लोग इमारतों में ही अपना डेरा जमा लेते हैं।

7. शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों उठ खड़े हुए?

उत्तर:- शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर उस च्योंटे को कुएँ पर छोड़ने के लिए उठ खड़े हुए क्योंकि उनके अनुसार उन्होंने उस च्योंटे को घर से बेघर कर दिया था अत: बिना समय गवाँए वे उस च्योंटे को उसके घर अर्थात् कुएँ पर छोड़ आते हैं।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए –
8. बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?


उत्तर:- पर्यावरण असंतुलित होने का सबसे बड़ा कारण आबादी का बढ़ना है। बढ़ती आवास की समस्या से निपटने के लिए मानव ने समुद्र की लहरों तक को सीमित कर दिया है। समुद्र के रेतीले तटों को भी मानवों ने नहीं छोड़ा है वहाँ पर भी इंसानों ने बस्ती बसा दी है। आसपास के जंगल काट-काटकर नष्ट कर डाले हैं। पेड़ो को रास्तों से हटा दिया। परिणामस्वरूप पशु-पक्षी के लिए आवास ही नहीं बचे हैं। प्राकृतिक आपदाएँ दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। कहीं भूकंप, कहीं बाढ़, कहीं तूफान, कभी गर्मी, कभी तेज़ वर्षा इन के कारण कई बिमारियाँ हो रही हैं। इस तरह पर्यावरण के असंतुलन का जन जीवन तथा पर्यावरण पर गहरा प्रभाव पड़ा है।

9. लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली क्यों लगवानी पड़ी?

उत्तर:- लेखक के घर कबूतरों ने घोंसला बना रखा था। कबूतर अपने बच्चों की रखवाली के लिए बार-बार लेखक के घर में चले आते थे जिससे लेखक का घर और पुस्तकालय गंदा होते थे इसलिए कबूतरों से अपने घर के बचाव के लिए लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली लगवानी पड़ी।

10. समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?

उत्तर:- समुद्र का लगातार सिमटना समुद्र के गुस्से की वजह थी। कई वर्षों से बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे धकेलकर उसकी जमीन पर कब्ज़ा कर रहे थे और बेचारा समुद्र लगातार अपना स्वरुप छोटा बनाते हुए सिमटता चला जा रहा था। पहले तो उसने अपनी टाँगों को समेटा, फिर उकडूँ बैठ गया फिर वह खड़ा हो गया। यह प्रकिया निरंतर चलती ही रही तो समुद्र को गुस्सा आ गया। जब उसे गुस्सा आया तो उसने गुस्से में अपनी लहरों पर दौड़ते तीन जहाज़ों को उठाकर तीन दिशाओं में फेंक दिया। एक वर्ली के समुद्र किनारे, दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड़ के सामने और तीसरा गेट-वे-ऑफ़ इंडिया पर गिरा।

11. ‘मट्टी से मट्टी मिले,
खो के सभी निशान,
किसमें कितना कौन है
कैसे हो पहचान’
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।


उत्तर:- इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है कि सभी प्राणियों का निर्माण मिट्ठी से हुआ है। और अंत में इसी मिट्टी में हमें मिल जाना है अर्थात् सभी मनुष्य समान हैं। उनमें भेदभाव करना उचित नहीं हैं। हमें मिलजुलकर आपसी सौहार्द से रहना चाहिए। पशु-पक्षियों को भी वही ईश्वर बनाता है जो इंसानों को बनाता है। जब सभी मनुष्यों में एक ही तत्त्व समाया हुआ है तो उनको अलग-अलग कर बताना उचित नहीं है। इसे पहचानने की कोशिश भी व्यर्थ है।

निम्नलिखित के आशय सपष्ट कीजिए –
12 नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था।


उत्तर:- उपर्युक्त पंक्तियों का आशय यह है कि हर एक की अपनी सहनशक्ति की सीमा होती है फिर चाहे वह प्रकृति हो या इंसान। उससे छेड़छाड़ का खामियाजा सबको भुगतना पड़ता है। इसका उदाहरण हमें कुछ वर्षों पहले समुद्र द्वारा फेकें गए तीन जहाजों के जरिए मिलता है।

13. जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।

उत्तर:- उपर्युक्त पंक्तियों का आशय यह है कि महान होने के कारण बड़े लोगों में अपनी इन्द्रियों को काबू करने की क्षमता होती है। वे क्षमाशील होते हैं वैसे भी महानता क्रोध करने और दंड देने में न होकर क्षमा करने में होती है।

14. इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है।

उत्तर:- उपर्युक्त पंक्तियों का आशय यह है कि बढ़ते शहरीकरण ने पक्षियों से उनके घर छीन लिए हैं इसलिए कुछ पक्षियों ने अपने ठिकाने बदल दिए हैं या शहर की इमारतों में अपने नए ठिकाने बना लिए हैं।

15. शेख अयाज के पिता बोले, ‘नहीं, यह बात नहीं है। मैंने एक घरवाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।’ इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:- उपर्युक्त पंक्तियों का आशय यह है कि इंसान हो या पशु-पक्षी सभी समान होते हैं। हमें कोई हक़ नहीं बनता कि हम किसी को भी उसके घर से बेघर करें। इसी गलती का अहसास जब शेख अयाज को होता है तो वे तुरंत अपनी गलती को सुधार लेते हैं।

• प्रश्न-अभ्यास (मौखिक)
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए –
16. बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे क्यों धकेल रहे थे?


उत्तर:- लगातार बढ़ती आबादी की आवास की समस्या से निपटने के लिए बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे धकेल रहे थे।

17. लेखक का घर किस शहर में था?

उत्तर:- लेखक का घर पहले ग्वालियर में था और बाद में वे बम्बई में वर्सोवा नामक स्थान में रहने लगे।

18. जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है?

उत्तर:- लेखक के अनुसार अब जीवन छोटे डिब्बे जैसे घरों में सिमटने लगा है।

19. कबूतर परेशानी में इधर-उधर क्यों फड़फड़ा रहे थे?

उत्तर:- कबूतरों दोनों ही अंडे बिल्ली द्वारा तथा लेखक की माँ के बचाने के उपक्रम में टूट गए थे इसलिए कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।

• भाषा-अध्ययन
20. उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित वाक्यों में कारक चिन्हों को पहचानकर रेखांकित कीजिए और उनके नाम रिक्त स्थानों में लिखिए; जैसे
(क) माँ ने भोजन परोसा?- कर्ता
(ख) मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ।
(ग) मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया।
(घ) कबूतर परेशानी में इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे।
(ङ) दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो।


उत्तर:-

<td "=""> अधिकरण कारक
माँ ने भोजन परोसा? संप्रदानकरक
मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया। अधिकरण कारक
दरिया पर जाओ तो उसे सलाम किया करो।

20. नीचे दिए गए शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए –
चींटी, घोड़ा, आवाज, बिल, फौज, रोटी, बिंदु, दीवार, टुकड़ा।


उत्तर:-

एकवचन बहुवचन
चींटी चींटियाँ
घोड़ा घोड़े
आवाज आवाज़ें
बिल बिलों
फौज फौजें
रोटी रोटियाँ
बिंदु बिन्दुओं
दीवार दीवारें
टुकड़ा टुकड़े

21. ध्यान दीजिए नुक्ता लगाने से शब्द के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है। पाठ में ‘दफा’ शब्द का प्रयोग हुआ है जिसका अर्थ होता है-बार (गणना संबंधी), कानून संबंधी। यदि इस शब्द में नुक्ता लगा दिया जाए तो शब्द बनेगा ‘ दफ़ा ‘ जिसका अर्थ होता है-दूर करना, हटाना। यहाँ नीचे कुछ नुक्तायुक्त और नुक्तारहित शब्द दिए जा रहे हैं उन्हें ध्यान से देखिए और अर्थगत अंतर को समझिए।
सजा सज़ा नाज नाज़
जरा ज़रा तेज तेज़
निम्नलिखित वाक्यों में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरे कीजिए
(क) आजकल…. बहुत खराब है। (जमाना/ज़माना)
(ख) पूरे कमरे को…… दो। (सजा/सज़ा)
(ग) …… चीनी तो देना। (जरा/ज़रा)
(घ) माँ दही…….भूल गई। (जमाना/ज़माना)
(ङ) दोषी को…….दी गई। (सजा/सज़ा)
(च) महात्मा के चेहरे पर…… था। (तेज/तेज़)


उत्तर:- (क)आजकल ज़माना बहुत खराब है।(जमाना/ज़माना)
(ख) पूरे कमरे को सजा दो। (सजा/सज़ा)
(ग) जरा चीनी तो देना। (जरा/ज़रा)
(घ) माँ दही जमाना भूल गई। (जमाना/ज़माना)
(ङ) दोषी को सज़ा दी गई। (सजा/सज़ा)
(च) महात्मा के चेहरे पर तेज था। (तेज/तेज़)

Popup Close ImagePopup Open Image
Talk to a counsellorHave doubts? Our support team will be happy to assist you!
Popup Image
Free Learning Resources
Know about Physics Wallah
Physics Wallah is an Indian edtech platform that provides accessible & comprehensive learning experiences to students from Class 6th to postgraduate level. We also provide extensive NCERT solutions, sample paper, NEET, JEE Mains, BITSAT previous year papers & more such resources to students. Physics Wallah also caters to over 3.5 million registered students and over 78 lakh+ Youtube subscribers with 4.8 rating on its app.
We Stand Out because
We provide students with intensive courses with India’s qualified & experienced faculties & mentors. PW strives to make the learning experience comprehensive and accessible for students of all sections of society. We believe in empowering every single student who couldn't dream of a good career in engineering and medical field earlier.
Our Key Focus Areas
Physics Wallah's main focus is to make the learning experience as economical as possible for all students. With our affordable courses like Lakshya, Udaan and Arjuna and many others, we have been able to provide a platform for lakhs of aspirants. From providing Chemistry, Maths, Physics formula to giving e-books of eminent authors like RD Sharma, RS Aggarwal and Lakhmir Singh, PW focuses on every single student's need for preparation.
What Makes Us Different
Physics Wallah strives to develop a comprehensive pedagogical structure for students, where they get a state-of-the-art learning experience with study material and resources. Apart from catering students preparing for JEE Mains and NEET, PW also provides study material for each state board like Uttar Pradesh, Bihar, and others

Copyright © 2025 Physicswallah Limited All rights reserved.