Question 1. नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाक्य में बदलिए।
जैसे-एक तिनका आँख में मेरी पड़ा-मेरी आँख में एक तिनका पड़ा।
मूँठ देने लोग कपड़े की लगे-लोग कपड़े की मूँठ देने लगे।
(क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा- ................................................
(ख) लाल होकर आँख भी दुखने लगी- ................................................
(ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी- ................................................
(घ) जब किसी ढब से निकल तिनका गया- ........................................
उत्तर:-
(क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा - एक दिन जब मुंडेरे पर खड़ा था।
(ख) लाल होकर आँख भी दुखने लगी - आँख भी लाल होकर दुखने लगी।
(ग) ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी - बेचारी ऐंठ दबे पाँवों भागी।
(घ) जब किसी ढब से निकल तिनका गया - जब तिनका किसी ढब से निकल गया।
Question 2. ‘एक तिनका’ कविता में किस घटना की चर्चा की गई है, जिससे घमंड नहीं करने का संदेश मिलता है?
उत्तर:-
‘एक तिनका’ कविता में ‘हरिऔध’ जी ने उस समय की घटना का वर्णन किया है, जब कवि अपने-आप को श्रेष्ठ समझने लगा था। उसके इस घमंड को एक छोटे से तिनके ने चूर-चूर कर दिया। उस छोटे से तिनके के कारण कवि की नाक में दम हो गया था। उस तिनके को निकालने के लिए कई प्रयास किए गए और जब किसी तरीके से वह निकल गया तो कवि को समझ आया कि उसका अभिमान तोड़ने के लिए एक छोटा तिनका भी बहुत है। अत: कवि और तिनके के उदहारण द्वारा इस कविता में हमें घमंड न करने की सीख दी गई है।
Question 3. आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की क्या दशा हुई?
उत्तर:-
आँख में तिनका पड़ने के बाद घमंडी की आँख दर्द के कारण लाल हो गई। वह बैचैन हो उठा और किसी भी तरह से आँख से तिनका निकालने का प्रयत्न करने लगा।
Question 4. घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास लोगों ने क्या किया?
उत्तर:-
घमंडी की आँख से तिनका निकालने के लिए उसके आसपास लोगों ने कपड़े की मूँठ बनाकर उसकी आँख पर लगाकर तिनका निकालने का प्रयास किया।
Question
5. ‘एक तिनका’ कविता में घमंडी को उसकी ‘समझ’ ने चेतावनी दी –
ऐंठता तू किसलिए इतना रहा,
एक तिनका है बहुत तेरे लिए।
इसी प्रकार की चेतावनी कबीर ने भी दी है –
तिनका कबहूँ न निंदिए, पाँव तले जो होय।
कबहूँ उड़ि आँखिन परै, पीर घनेरी होय।।
इन दोनों में क्या समानता है और क्या अंतर? लिखिए।
उत्तर:-
इन दोनों में समानता व अंतर को समझने से पहले इसके आशय को जानना बहुत आवश्यक है। सर्वप्रथम हम उपाध्याय जी की पंक्तियों की ओर देखते हैं। इसमें वह कहते हैं -
तू किस के कारण इतना अभिमानी (घमंडी) हो गया था और तेरा वह अभिमान किस काम का जो कि एक तिनके के कारण चूर-चूर हो गया अर्थात् एक तिनका तेरा घमंड तोड़ सकता है।
दूसरी तरफ़ कबीर जी कहते हैं -
आप जब मार्ग पर चलते हैं, आपके पैरों के नीचे ज़मीन पर पड़े तिनके की निंदा मत कीजिए क्योंकि अगर कभी वह उड़कर आपकी आँख पर गिर गया तो बहुत ही भयानक दर्द का कारण बन सकता है। अर्थात् अभिमान से ग्रसित व्यक्ति को चाहिए की किसी को भी अपने से कमज़ोर व छोटा न समझे क्योंकि जब समय बदलता है तो एक तिनका भी बहुत भारी विपदा दे सकता है।
समानता -
अंतर -
दोनों ने कही तो एक ही बात है परन्तु उनकी कहानी के आशय में अंतर है। एक तरफ़ उपाध्याय जी ने यहाँ स्वयं को सम्बोधित किया है, उनके अनुसार एक समय में इतने अभिमानी थे कि स्वयं को कुछ नहीं समझते थे। पर एक तिनके के कारण उनका सारा अभिमान जाता रहा, तो दूसरी तरफ़ कबीरदास जी ने तिनके को सम्बोधित किया है। उनके अनुसार कभी भी दूसरे व्यक्ति को छोटा समझकर उसकी निंदा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि समय की स्थिति कैसी पड़े कि वो तिनका (छोटा व्यक्ति) उसकी पीड़ा का कारण बन जाए।
Question
6. ‘किसी ढब से निकलना’ का अर्थ है किसी ढंग से निकलना। ‘ढब से’ जैसे कई वाक्यांशों से आप परिचित होंगे, जैसे – धम से वाक्यांश है लेकिन ध्वनियों में समानता होने के बाद भी ढब से और धम से जैसे वाक्यांशों के प्रयोग में अंतर है। ‘धम से’, ‘छप से’, इत्यादि का प्रयोग ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने के लिए किया जाता है। नीचे कुछ ध्वनि द्वारा क्रिया को सूचित करने वाले वाक्यांश और कुछ अधूरे वाक्य दिए गए हैं।
उचित वाक्यांश चुनकर वाक्यों के खाली स्थान भरिए –
छप से, टप से, थर्र से, फुर्र से, सन् से
क) मेढ़क पानी में……कूद गया।
ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूँद……चू गई।
ग) शोर होते ही चिड़िया……उड़ी।
घ) ठंडी हवा…….गुजरी, मैं ठंड में….. काँप गया।
उत्तर:-
क) मेढ़क पानी में छप से कूद गया।
ख) नल बंद होने के बाद पानी की एक बूँद टप से चू गई।
ग) शोर होते ही चिड़िया फुर्र से उड़ी।
घ) ठंडी हवा सन् से गुजरी, मैं ठंड में थर्र से काँप गया।
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